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White **पावन पर्व दशहरा (चौपाई)** ****************

White **पावन पर्व दशहरा (चौपाई)**
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पावन   पर्व    दशहरा    आया।
खुशियों की  झोली  भर  लाया।।

छल – बल रावण  सीता  छीनी।
सती सावित्री  अबला दुख दीनी।।

लंका    पर   थी    चढ़ी   चढ़ाई।
सुर – असुर  मध्य  शुरू  लड़ाई।।

युद्ध   में   रावण   मार   गिराया।
सीता   का    राम    ने   छुड़ाया।।

जन - गण - मन खुशी हुई भारी।
दशरथ  सूत्  पर  सब बलिहारी।।

पाप - पुण्य  पर  था  अति भारा।
सत्य  समक्ष  असत्य  था    हारा।।

तब   से   रीत  चली   यह   आई।
अच्छाई     ही    जीतती     आई।।

आश्विन  में   शुक्ल।  पक्ष    आये।
विजयदशमी   का  पर्व  है   आये।।

महिषासुर  शीश   दुर्गा  ने   काटा।
सुख – समृद्धि  का  प्रसाद   बांटा।

रावण  –  दहन  के  पुतले  जलते।
अत्याचारी     सदा     ही     हरते।।

आपस       में    बांटते     मिठाई।
जन  –  जन  को  हो लाख बधाई।।

मनसीरत  मन   बहुत   प्रफुल्लित।
मुखमण्डल  हर्षित  हो    पुलकित।।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

©Sukhvinder Singh #Dussehra
White **पावन पर्व दशहरा (चौपाई)**
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पावन   पर्व    दशहरा    आया।
खुशियों की  झोली  भर  लाया।।

छल – बल रावण  सीता  छीनी।
सती सावित्री  अबला दुख दीनी।।

लंका    पर   थी    चढ़ी   चढ़ाई।
सुर – असुर  मध्य  शुरू  लड़ाई।।

युद्ध   में   रावण   मार   गिराया।
सीता   का    राम    ने   छुड़ाया।।

जन - गण - मन खुशी हुई भारी।
दशरथ  सूत्  पर  सब बलिहारी।।

पाप - पुण्य  पर  था  अति भारा।
सत्य  समक्ष  असत्य  था    हारा।।

तब   से   रीत  चली   यह   आई।
अच्छाई     ही    जीतती     आई।।

आश्विन  में   शुक्ल।  पक्ष    आये।
विजयदशमी   का  पर्व  है   आये।।

महिषासुर  शीश   दुर्गा  ने   काटा।
सुख – समृद्धि  का  प्रसाद   बांटा।

रावण  –  दहन  के  पुतले  जलते।
अत्याचारी     सदा     ही     हरते।।

आपस       में    बांटते     मिठाई।
जन  –  जन  को  हो लाख बधाई।।

मनसीरत  मन   बहुत   प्रफुल्लित।
मुखमण्डल  हर्षित  हो    पुलकित।।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)

©Sukhvinder Singh #Dussehra