- दोहे - :: शीर्षक- "सर्दी" ------------------------------------------- 1- ऋतु परिवर्तन हो रहा, शुरू हो गयी ठंड। धूप नरम पड़ने लगी, जो थी बहुत प्रचंड।। 2- सर्दी में नित पीजिए, अदरक वाली चाय। तुलसी डालें साथ में, वैद्यों की यह राय।। 3- सर्दी से ठिठुरन बड़ी, शीतल चले बयार। कंबल स्वेटर शॉल से, हुआ सभी को प्यार।। 4- शीतलहर करने लगी, दिल पर सीधी चोट। जिससे बचने के लिए, निकले मफलर कोट।। 5- सर्दी की रुत आ गई, जलने लगे अलाव। ऊनी वस्त्रों के हुए, आसमान में भाव।। 6- शीतलहर की है नहीं, उन्हें न कुछ परवाह। जिनके होने हैं अभी, सर्दी में ही ब्याह।। #हरिओम_श्रीवास्तव# ©Hariom Shrivastava #Love