एक पेड़ का मैं डाल हूं मुझे काट कर तुम हटाना मत कभी तो समय बदलेगा ही ऐ मानव तुम पछताना मत चलो एक पत्ते को तोड़ दो बस शीर्ष शिखर को हिलाना मत कभी समय आया तो कलह आएगा फिर बाद में ना पछताना मत कभी हवा चली तो ठंडक होगा खुद को जलती धूप में तपाना मत कल बेटा तुझे पूछेंगे क्या किए अपनी गलती उसको बताना मत ऐ मानव तुम पछताना मत ©Deependra jha #SaveTree🌳 #Rose