बाट दिया इस धरती को क्या चांद सितारो का होगा उन नदियो का कुछ नाम रहे उन बहती धारो का क्या होगा शिव की गंगा भी पानी है आबे जम-जम भी पनी है मुल्लहा भी पिये, पंडित भी पिये पनी का मजहब क्या होगा और इन फिरकापरस्त से पुछो की क्या सुरज भी अलग बनाओगे एक हवा मे सास है सब की क्या हवा भी नई बनाओगे नस्लो का करे जो बटवारा रहवर वो कौम का दोगी है क्या खुदा ने मंदिर तोरा था या राम ने मस्जिद तोरी है ©Ankesh kumar spoiling humanity's #Life