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एक क़त्ल कर दिया है क़ातिल बन गया हूँ इंसान का नही

एक क़त्ल कर दिया है क़ातिल बन गया हूँ
इंसान का नहीं मैं इश्क मुजरिम बन गया हूँ....
दे दो सज़ा मुझे तुम क़ातिल तो हो गया हूँ
इंसान भले क़त्ल न इंसानियत कर दिया हूँ।

इंसानियत मर गई है दिल टूट तो गया है
इंसान से परे वो तड़प तड़प के जी रहा है।।


विमल सागर
उत्तर प्रदेश

©vimlesh Gautam
  #titliyan