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" ये ज़िक्र हैं की महज़ ख़्याल हैं ये, मेरे आंखों

" ये ज़िक्र हैं की महज़ ख़्याल हैं ये,
मेरे आंखों में फिर किसकी फ़राज़ हैं ये,
मिलने-मिलानें का ज़रा लुफ्त हम भी ले,
आख़िरकार ये सितमगर यार भला कैन हैं ये ,

                           --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " ये ज़िक्र हैं की महज़ ख़्याल हैं ये,
मेरे आंखों में फिर किसकी फ़राज़ हैं ये,
मिलने-मिलानें का ज़रा लुफ्त हम भी ले,
आख़िरकार ये सितमगर यार भला कैन हैं ये ,

                           --- रबिन्द्र राम
 #ज़िक्र  #महज़ #ख़्याल#आंखों #फ़राज़ #ज़रा #लुफ्त #सितमगर
" ये ज़िक्र हैं की महज़ ख़्याल हैं ये,
मेरे आंखों में फिर किसकी फ़राज़ हैं ये,
मिलने-मिलानें का ज़रा लुफ्त हम भी ले,
आख़िरकार ये सितमगर यार भला कैन हैं ये ,

                           --- रबिन्द्र राम

©Rabindra Kumar Ram " ये ज़िक्र हैं की महज़ ख़्याल हैं ये,
मेरे आंखों में फिर किसकी फ़राज़ हैं ये,
मिलने-मिलानें का ज़रा लुफ्त हम भी ले,
आख़िरकार ये सितमगर यार भला कैन हैं ये ,

                           --- रबिन्द्र राम
 #ज़िक्र  #महज़ #ख़्याल#आंखों #फ़राज़ #ज़रा #लुफ्त #सितमगर