#OpenPoetry मोहब्बत के भी होते है अपने ही उसूल तू जो कबूल तो तेरे सारे ऐब भी कबूल.. और क्या दूँ तूझे अपनी चाहत का सबूत मिलती हूँ अब भी तूझे भूलके अपना वजूद.. #Shilpa #OpenPoetry #RjSpecial #Bas_yun_hi #ShilpaSalve358