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वो तन्हा से लम्हे, धड़कती हुई कभी थमती हुई सांसे ग

वो तन्हा से लम्हे,
धड़कती हुई कभी थमती हुई सांसे
गूंजते शोर के बीच पसरा सन्नाटा,
नम उम्मीदों से भरी आंखें
उनके आखिरी मुलाकात का हिस्सा बन रही थी,,
एक ऐसी आखिरी मुलाकात जिसका ख़्वाब तक आंखो ने नहीं देखा था
एक ऐसी आखिरी अंत जिसका
अंदाज तक मेरे दिल ने ना सोचा था...!!!

©Raj Alok Anand
  #आखिरी_अंत