आमने-सामने नजरों का तीर मारा था उसने। नजारे बदल दिए जिंदगी के, सामना नहीं, सहारा मिला हमें जब वो आमने सामने नजरों को मिला, यूँ मुस्कुरा दिए। teri najar, Meri zindagi Rajesh कुमार जी