इस मुहब्बत का तो पता नहीं है मुझे इक़ उसके बिन, सुकून नहीं है मुझे..! मुझे क्यों लगता है जीना नहीं चाहिये उसके बिन अकेले, चैन नहीं है मुझे..! कोई जाकर उसे ख़बर कर आओ इंतज़ार है उसका, जीना नहीं है मुझे..! ख़्वाव, सपनें, सब उसी के है मुझमें अब वो दूसरे की है,ख़बर नहीं है मुझे..! मैंने उसे चाहा नहीं, पूजा किया है मेरी सांस में वो है, मरना नहीं है मुझे.!! ©Shreyansh Gaurav #GzlWrites #Thinking