ज़िन्दगी का सफर हाँ मैं मानती हूँ कि सफर तन्हां होता है पर अपना कोई जुदा होकर भी जुदा कहाँ होता है । आँसू रोक लो चाहे कितने भी ये तो मुनकिन है । पर बाद में दिल में जज्बातों का भँवर फ़ना होता है । पारुल शर्मा हाँ मैं मानती हूँ कि #सफर #तन्हां होता है पर अपना कोई #जुदा होकर भी जुदा कहाँ होता है । #आँशू रोक लो चाहे कितने भी ये तो #मुनकिन है । पर बाद में #दिल में जज्बातों का #भँवर #फ़ना होता है । पारुल शर्मा