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# "मेरे इस जीवन-रण में; अर्जुन-सा | English Poetry

"मेरे इस जीवन-रण में;
अर्जुन-सा मन खड़ा अचंभित,
कुछ भी समझ ना आए कान्हा।
नईया मेरी डगमग-डगमग डोल रही;
नईया को पार लगा जाना कान्हा।
पार्थ मैं बन जाऊँगी,
सारथी तुम बन जाना कान्हा।
गीता-उपदेश सुनाकर के,
anjalisinghal5635

Anjali Singhal

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"मेरे इस जीवन-रण में; अर्जुन-सा मन खड़ा अचंभित, कुछ भी समझ ना आए कान्हा। नईया मेरी डगमग-डगमग डोल रही; नईया को पार लगा जाना कान्हा। पार्थ मैं बन जाऊँगी, सारथी तुम बन जाना कान्हा। गीता-उपदेश सुनाकर के, #Poetry #saarthi #AnjaliSinghal #geeta_updesh

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