कुछ हसीं लम्हों के बाद, अलविदा कहना मुश्किल है, चुकाने को ख़ुशियों की कीमत जुदा होना मुश्किल है। रूह से रूह का मिलन होने से बिछड़ते नहीं हैं अपने, सँवारके यादों का घरौंदा उसे तोड़ा जाना मुश्किल है। कोई समझे नहीं जज़्बात, तो लाज़िमी है तक़रार भी, टूटकर बिखरने के बाद भी यूँ भुला पाना मुश्किल है। ख़ुशियों की ख़ातिर इक़रार से आये झूठे इन्कार पर, चाहत की कर इबादत, यूँ ही ठुकरा देना मुश्किल है। जाने कब-किस पल की मुलाक़ात आख़िरी हो 'धुन', ख़्वाब आँखों में संभालकर, ज़िंदा रहना मुश्किल है। Rest Zone 'शब्द प्रयोग' 'जज़्बात, चाहत, याद, तक़रार, मुलाक़ात' #restzone #rztask77 #rzलेखकसमूह #sangeetapatidar #ehsaasdilsedilkibaat #yqdidi #love