वफ़ा की हद से बढ़कर वफा कौन करेगा मरज बढ़ जाने पर फिर दवा कौन करेगा बदले वफ़ा के दाग़-ए-बेवफ़ा ही मिली है कहो ये गलती अगली मर्तबा कौन करेगा ये मेरी मां है जो आंचल से प्यार लुटाती है सोचता हूं बाद इसके मुझे हवा कौन करेगा कुछ सच्ची कुछ झूठी अफसाने सुनता हूं फक़त सच कहूंगा तो मरहबा कौन करेगा फकीरों को फकीरी ही करने दो जय मियां ये सियासत में आ गए तो दुआ कौन करेगा ©mritunjay Vishwakarma "jaunpuri" आंचल से प्यार लुटाती हैं #gazal #BestSher #Shayari #mjaivishwa