Nojoto: Largest Storytelling Platform

क्या कुछ  हम में कमी है अभी इन  चिराग़ों में  रौश

क्या कुछ  हम में कमी है अभी

इन  चिराग़ों में  रौशनी है अभी

छोड़ो मुझ को लुटना खसोटना 

चंद लम्हों की  जिन्दगी है अभी

रात के बाद सबेरा आयेगा नया

आहट ऐसी ही आ रही है अभी

बात तो पते की ही  कहीं उस ने

क्या कोई गुंजाइश बची है अभी

हिम्मत  जो बची है  कैसे छोड़ दे

आस दिल में  ऐसी लगी है अभी

श्याम कौशिक

©श्याम कौशिक #snowpark ग़ज़ल
क्या कुछ  हम में कमी है अभी

इन  चिराग़ों में  रौशनी है अभी

छोड़ो मुझ को लुटना खसोटना 

चंद लम्हों की  जिन्दगी है अभी

रात के बाद सबेरा आयेगा नया

आहट ऐसी ही आ रही है अभी

बात तो पते की ही  कहीं उस ने

क्या कोई गुंजाइश बची है अभी

हिम्मत  जो बची है  कैसे छोड़ दे

आस दिल में  ऐसी लगी है अभी

श्याम कौशिक

©श्याम कौशिक #snowpark ग़ज़ल