गीत तुम जो सुनों तो सुनाऊँ तुम्हें राज की बात उसमें बताऊँ तुम्हें । खुल गई हैं दुकाने शहर दर शहर मंहगे मंहगे पति दिखाऊँ तुम्हें । गीत तुम जो सुनों तो..। राज की बात उसमें ......।। बेच जागीर पहले बनो तुम धनी । जोड़ियां कब यहाँ दिल मिलें से बनी हीर मजनूँ सुनों दिल मिलें पे मिटे और कितनी कहानी बताऊँ तुम्हें । गीत तुम जो सुनो तो.. राज की बात उसमें ........।। ये प्रथा दोस्त ऊँचें घरो से चली । खा गई है जहाँ को बला ये बुरी । आज छोटा बड़ा सब पिश्ता यहाँ राम बाबू चलो अब दिखाऊँ तुम्हें । गीत तुम जो सुनो तो..... राज की बात उसमें ........।। मुह दिखाई सुनों रश्म ये मंगनी हुई । गुण न देखे यहाँ रूप देखे कई । आज सौदा सुनों ये खरा हो गया दान कान्या भला क्या बताऊँ तुम्हें । गीत तुम जो सुनो तो सुनाऊँ तुम्हें । राज की बात उसमे बताऊँ तुम्हें ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR गीत तुम जो सुनों तो सुनाऊँ तुम्हें राज की बात उसमें बताऊँ तुम्हें । खुल गई हैं दुकाने शहर दर शहर मंहगे मंहगे पति दिखाऊँ तुम्हें । गीत तुम जो सुनों तो..। राज की बात उसमें ......।। बेच जागीर पहले बनो तुम धनी ।