मैं कौन हूँ , क्या हूँ , मुझे हुआ क्या ??? मैं कैसे कहूँ , मैं बर्बाद हूँ , पर आबाद हूँ , मैं हारा हूँ , पर किसी का सहारा हूँ , मैं अधूरा सा और वह शख्स मुझ में पुरा हैं, मैं ढलता शाम सा , वह सवेरा हैं , मैं भटकता मुसाफिर, वो राहते मंजिल हैं, मैं हूँ गर दर्द तो वो मेरा दावा हैं , कि मैं हूँ इबादत तो वो मेरा खुदा हैं| #faraway#poem#poetry