अस्त व्यस्त से रहते है, शोधकर्ता है वो किसी से कुछ नहीं कहते है। लोग समझते हैं कि वो अपने में ही रहते है। सच्चाई यह है वो अपना दुखड़ा किसे गाये, अनुसंधान में अच्छे परिणाम नहीं आ रहे, मार्गदर्शक के अलावा किसे बताएं। राते उनकी प्रयोगशाला में काली होती है, ताकि अन्वेषण का परिणाम अच्छा आये। मगर कभी आशावादी परिणाम मिल जाते हैं और कभी कभी निराशा हाथ लगती है। किन्तु हारते नहीं है नये प्रयासों से उत्साहित होते है। ............ आनन्द #आनन्द #Anand #Ghaziabad