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खामोशियाँ है कि चीख़ रही... ज़ुबा है, की खामोश हैं..

खामोशियाँ है कि चीख़ रही...
ज़ुबा है, की खामोश हैं..

ये जो सामनें बैठा है तख़्त पर..
उसको ख़ुदा बन जाने का भूत है

कोई जा कर उसके कान में ये फुसफुसा दे...
लफ्ज़ ही ख़ामोश है, अंदर इनके धधक रही एक आग है..

जिस दिन टूट जाएगा इन का सबर का मौन..
उस दिन समझ लेना तेरा तख़्त भी ख़ाक है..

#अभय #IndiaLoveNojoto
खामोशियाँ है कि चीख़ रही...
ज़ुबा है, की खामोश हैं..

ये जो सामनें बैठा है तख़्त पर..
उसको ख़ुदा बन जाने का भूत है

कोई जा कर उसके कान में ये फुसफुसा दे...
लफ्ज़ ही ख़ामोश है, अंदर इनके धधक रही एक आग है..

जिस दिन टूट जाएगा इन का सबर का मौन..
उस दिन समझ लेना तेरा तख़्त भी ख़ाक है..

#अभय #IndiaLoveNojoto
mrabhay1798

abhay

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