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mrabhay1798
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abhay

शब्दो के इस खेल में हम भी कुछ हाथ आजमायगे... गर तुम पसंद करो गे लिखना हमारा तो हम भी जरूर रोज कुछ सुनाएगे...👍

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abhay

Tum to mere alfazo ko samjhne me hi naakam rhe ho.....to tum halato ko kya samjh paay hoge

©abhay
  #KhulaAasman
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abhay

ये वहम रहा की कहानी खत्म हुईं
अभी तो अंतिम अध्याय बाकी था

अभी तो परिचित ही हुवे थे हम
कहानी के किरदारों से ,

अभी तो कहानी का मर्म बाकी था
अभी तो कहानी का अन्त बाकी था

ये वहम रहा की कहानी खत्म हुई
अभी तो अंतिम अध्याय बाकी था


#अभय

©abhay #bornfire
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abhay

चलो इक नए दौर की शुरुवात करते हैं
हुई है छोटी सी ज़िंदगी में कई गलतियां
हमसे भी.....
पर अब सब पीछे छोड़ फिर इक नई शुरूवात करते है
माना मुुश्किल होगा नए सफर का सफ़र
पर ये जिंदगी है साहब
जीने की कोशिश एक बार और करते है

###
अभय

©abhay #Anger

Anger

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abhay

क्यों मेरे कुछ सवाल इतने बेचीदे होते है
जिन का जवाब किसी के पास नही होता.
.
बस होती है तो एक सातवना
या मेरे सवाल पर सवाल 

जवाब मेरे पास भी नहीं है इस तूफान का
जो चल रहा है मेरे भीतर
जवाब मुझे भी चाहिए
ना की चाहिए एक और सातवना

©abhay #Journey
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abhay

अब इस जिंदगी के बारे में क्या ही लिखूं
ये कोरे कागज़ सवाल बहुत पूछते हैं
सोच रहा हूं इन पर अपने मन का मौन लिखूं 

लिखूं वो जो बीती है मुझ पर इन दिनों
या वो ही चेहरे पर खिलती झूठी मुस्कान लिखूं,

 चलो कुछ सच लिखता हूं...
झूट तो होता ही है सिर्फ चार कदमों का
मै आज कुछ कदम सच चलता हू 

अस्त-व्यस्त पड़ी है जिंदगी की ये राते है आजकल
 मन में है मेरे उमड़ते उल्टे-सीधे विचार आजकल

मनोदशा है की बिखर चुकी है...
जिंदगी के दिन गुजार रहा हूं गिन के आज

जो सोचा है वो होता नजर नहीं आता इस जिंदगी में
जो हो रहा है वो मुझको रास नहीं आता इस जिंदगी में

फिर भी ज़िद है जीने की सो जिया जा रहा हूं
गर_ज़हर है जिन्दगी तो भी क्या मौन होकर
ये पीए जा रहा हूं
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अभय

©abhay #udas

udas

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abhay

समंदर के तट के किनारे..
गुमसुम बैठा रहता था वो
सवाल कई अपने मन में लादे 
लहरों को निहारता रहता था वो

उसको आस थी की  समंदर
देगा एक दिन उसके सारे सवालों के जवाब
की क्यों आते है लोग इतने करीब 
क्या सिर्फ उसका दिल दुखाने को

 वो ही क्यों चूना जाता है हर वक्त
आंखो से आंसू बहाने को
क्यों सपने टूट जाते है उसके
क्यों रिश्ते छूट जाते है उसके

इक दिन समुंद्र की लहरों ने
उसके सवालों के जवाब दिए
उसको समेट के अपने आंचल में
सवाल सारे वही छोड़ दिया...

©abhay #Memories
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abhay

रोज बनता हू...
रोज बिखरता हूं
जाने कैसी कहानी का किरदार हूं
हंसते हुए रो देता हूं

जो नजर आते है सुबह साथ मेरे
उनको सांझ होते होते 
खो देता हूं!

थक गया हूं अब
खुद को समझाते -समझाते
रातों को खुद से ही लड लेता हू

इतना तन्हा पाता हू
कई मर्तबा खुद को
की आईने के सामने रो लेता हू

©abhay #Joker
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abhay

एक अरदास है खुदा से मेरी
मेरी मोहब्बत को कुछ यू जवा रखा जाऐ..
इस जमाने में...
मेरी मोहब्बत के किस्से याद रखे जाऐ..
और जब ज़िक्र आए महफ़िल में
इक तरफा मोहब्बत का
उस महफ़िल में
सबसे पहले मेरी मोहब्बत के किस्से सुनाए जाऐ..

©abhay #togetherforever
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abhay

एहसासों के हाथो मजबूर बन बैठा है 
ये दिल मेरा
अब दिल का क्या किया जाए..

इश्क़ की गिरफ्त का कैदी बन बैठा
ये दिल मेरा ..
अब दिल का किया जाए

माना की ये रास्ते जाते नहीं है
अपनी मंजिल को
पर कदम उसी डगर पर बढ़ चले
अब इन कदमों को वापस कैसे खींचे जाए

मेरी हालातों से हो तो हो कभी  रूबरू
मेरे साखी तू भी ....
समुंद्र तैर के पार करना है..
शर्त ये रहीं की है
की तन पर पानी को बूंद भी ना लगे

©abhay #togetherforever
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abhay

त्तबाह हुई जिंदगी का मंजर कैसा रहा होगा
सब इश्क में डूबे है उस शहर के लोग,
उस शहर में.........
इक तन्हा इन्सा का दिन कैसा रहा होगा...

बाते करता होगा वो घर की चार दीवारों से,
ना कभी वो खिड़कियों से झांकता होगा....
गिनता होगा घंटे जिंदगी के अपनी......
या अपनी आखरी रात के इन्तजार में होगा.

©abhay #Hope
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