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सुर साधना कर पाऊं मैं, कर दो























सुर साधना कर पाऊं मैं, कर दो दया मां शारदे।
ममतामयी हो तू मां मेरी, विनती सुनों मां शारदे।सुर...।
नित ध्यान चरणों में रहे,और साधना चलती रहे।
झंकार वीणा की तेरी मां, गूंजती मन में रहे।
हो लगन ऐसी ही मुझ में,कर दो कृपा मां शारदे।सुर...।
नहीं ज्ञान सुर का है मुझे,पर चाह दिल में है बहुत।
सुर सजे हरि गान गाउं,ये तमन्ना है बहुत।
मेरे सिर पे रख दो हाथ तुम,सुर को सजा मां शारदे। सुर ...।
विनीत: नागेंद्र

©नागेंद्र किशोर सिंह
  #सरस्वती मां की वंदना