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मैं वो मांझा नहीं जो तुमसे लिपटकर तुम्हें ही काट द

मैं वो मांझा नहीं जो तुमसे लिपटकर तुम्हें ही काट दूं,
मैं तो वो धागा हूं जो खुद में ही उलझ कर रह गया ।।
मैं वो मांझे से बंधी पतंग नहीं हूं जिसकी डोर ही किसी ओर ने संभाल रखी हो,
मैं तो आकाश से गिरी उस कटी पतंग की तरह हूं जो भटक बेशक गई है लेकिन सिर्फ अपनी मंजिल की खोज में ।।

©Akash Midha #makarsankranti 
#akashquotes
#katipatang 
#Hindi 
#hindi_shayari dishayari 

#worldpostday
मैं वो मांझा नहीं जो तुमसे लिपटकर तुम्हें ही काट दूं,
मैं तो वो धागा हूं जो खुद में ही उलझ कर रह गया ।।
मैं वो मांझे से बंधी पतंग नहीं हूं जिसकी डोर ही किसी ओर ने संभाल रखी हो,
मैं तो आकाश से गिरी उस कटी पतंग की तरह हूं जो भटक बेशक गई है लेकिन सिर्फ अपनी मंजिल की खोज में ।।

©Akash Midha #makarsankranti 
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