लिखा गया अल्फ़ाज़, फ़िर मिटाया गया हर अल्फ़ाज़ ये एहसास से सजाया गया गुलाब बनी है लेखनी, साँस से लिखा है हर लफ़्ज़ मुस्कान से यह 'हँसाया' गया दिल की बातें ये लिख डाली सारी है मैंने क्या कहूँ तुम्हें यही..कलम फँसाया गया प्रेम दीवाना मैं लिखकर के मिटाता गया लफ़्ज़ों को तोला, गुलाब यूँ. बनाता गया पहला ख़त 'प्रेम' का अनमोल नगीना है ख़ूबसूरत अदा से अजंता मैं बनाता गया प्रेम के आसूँ बहे, इश्क़ रंग लगाता गया प्रेम पत्र लिखता गया और मिटाता गया ♥️ Challenge-989 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।