ले चलू तुमको ज़माने से कहीं दूर परे सारी दुनिया की निगाहों से कहीं दूर परे एक तुम ही तो बसे हो मेरी सांसो में पिया मेरी चाहत पे इनायत पे जो हैरान हो तुम थोड़े मासूम हो थोड़े अंजान हो सांसो में बसे मेरे अरमान हो सांबरे सांबरे,,, दिल मेरे तू बता क्यों मिली तन्हाइयां खो गयी हर ख़ुशी साथ हैं रुसवाईयाँ खुद को मैं कैसे समझाऊं पल पल दर्द सताए किरची किरची ख़्वाब हुए हैं चैन कहीं न आये थोड़े मासूम हो थोड़े अंजान हो सांबरे सांबरे,,, साथ तू है अगर तो हसीं हैं सिलसिले दिल नशीं ज़िन्दगी कैसे शिक़वे गिले रंग जाऊँ मैं रंग में तेरे दुनिया को ठुकराउ थोड़े मासूम हो थोड़े अंजान हो सांबरे सांबरे,,