White सीने से लग जाओ कि दिल की ये वीरानी नहीं जाती ज़माने ने दिए हैं जो ग़म उनकी परेशानी नहीं जाती मेरी आँखों मे हमेशा से पैबस्त है इक तेरी ही तस्वीर फिर क्यों जिस्म-ओ-जिगर से ये हैरानी नहीं जाती इस हिज्र ज़दा शब में फ़रियाद करें भी तो किससे करें अपनों की शक्ल में पराई शक्ल पहचानी नहीं जाती तुम्हारे सिवा कोई भी ग़म-ख़्वार नहीं है मेरा जहां में आ कर थाम लो ग़म-ए-दिल की फ़रावानी नहीं जाती तुम चूम लो सिलवटों से भरी ये पेशानी मेरी ' ज़ेहन में बस गई है जो घबराहट अनजानी नहीं जाती ©dilkibaatwithamit सीने से लग जाओ कि दिल की ये वीरानी नहीं जाती ज़माने ने दिए हैं जो ग़म उनकी परेशानी नहीं जाती मेरी आँखों मे हमेशा से पैबस्त है इक तेरी ही तस्वीर फिर क्यों जिस्म-ओ-जिगर से ये हैरानी नहीं जाती इस हिज्र ज़दा शब में फ़रियाद करें भी तो किससे करें अपनों की शक्ल में पराई शक्ल पहचानी नहीं जाती