कुछ दिन पहले तक तुम मेरे लिए अपरिचित से थे अब ज़ब से तुम मिल. हो मुझसे और इतनी प्रगाढ़ता संबंधों मे आ चुकी है क़ि तुम्हारी आवाज़ मुझे अपनी सी लगने लगी है और कई बार ऐसा भी लगता है क़ि ज़ब तुम मेरे सामने खडे होते हो लगता है मै दर्पण क़े सामने खड़ा हूँ #अपनत्व.......