आओ मिलकर रंग जायें हम प्रेम की होली में,
आज प्रेम रंग 'होली की ठिठोली' की टोली में।
कौन-कैसा-कहाँ, का मिटा कर सारा भेदभाव,
आओ मिलकर खेलें हम होली के हमजोली में।
न गीता-क़ुरान, न काशी-काबा, हैं सब एक ही,
प्रेम के रंग में घुलकर, ख़ुशियाँ भर लें झोली में। #yqbaba#yqdidi#YourQuoteAndMine#होलीकेहमजोली#collabwithकोराकाग़ज़#होलीकीठिठोली