तेरा धोखा भी मेरे हम-दम काम आया। ग़म इतना रोया के दिल को आराम आया।। हमसफर मंजिल पे पहुचे साथ सफ़र करके, मेरा रास्ता तो फिर वही रास्ता आम आया। हमने जमाने को छोड़ा वो हमें छोड़ चले, आखिर तो ज़माना ही मेरे काम आया । बड़ी मुद्दत बाद समझा मतलबी सनम को, आखिर मुझ पर ही रुसवाई का इल्ज़ाम आया। मालूम नहीं दगेबाज के उजाले में कहां गुम हुआ, "दीप" ख़बर हुईं के शागिर्दों में मेरा नाम आया। ©Kumar Deep Bodhi तेरा धोखा भी #तेराधोखाभीमेरेकाम