राज दिल के न हमसे छिपाया करो, अपने दिल की भी हमसे बताया करो। यूंँ निगाहों से कब तक जताओगी तुम, राज दिल के नज़रों से बताओगी तुम। प्यार है तो लबो से जताया करो। अपने दिल की भी हमसे बताया करो। दिल की बातें न दिल में रखो प्रीतमा, हाँ या न कुछ तो कहो प्रीतमा। यूंँ न रोज़-रोज हमको सताया करो, अपने दिल की भी हमसे बताया करो। क्या यूंँ मिलना हमारा सनम ठीक है। गर नहीं तो बताओ फिर क्या ठीक है। यूंँ न चोरी से मिलने बुलाया करो। अपने दिल की भी हमसे बताया करो। चला जाऊंँ शहर तो फिर रोना नहीं। दामन अश्कों से तुम फिर भिगोना नहीं। यूंँ न आंँखों से मोती छलकाया करो, अपने दिल की भी "मन" से बताया करो। राज दिल के न हमसे छिपाया करो, अपने दिल की भी हमसे बताया करो। शीर्षक ~दिल के राज राज दिल के न हमसे छिपाया करो, अपने दिल की भी हमसे बताया करो। यूंँ निगाहों से कब तक जताओगी तुम, राज दिल के नज़रों से बताओगी तुम। प्यार है तो लबो से जताया करो।