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ज़िंदगी कितनी हसीं है जाना मिलकर आपसे। मैंने अपने

ज़िंदगी कितनी हसीं है जाना मिलकर आपसे।
मैंने अपने आप को पहचाना मिलकर आपसे।।

बंध  गए  हम  प्रेम  बंधन  में सनम यूं आपके,
पर बखूबी से निभाना जाना मिलकर आपसे।।

अब  तलक  हम  तो  जुबानी बोलते कहते रहे,
आंखों से बातें बताना जाना मिलकर आपसे।।

हम  तो  आवारा  भटकते  ही  रहे  इस  धूप में,
हर दिलों में घर बनाना जाना मिलकर आपसे।।

जिसको भी मिलते उसे मदहोश करते आप तो,
इस क़दर जादू चलाना जाना मिलकर आपसे।।

"हृदय" को  पागल  बनाते  लेते जब आगोश में,
इश्क़  में  ऐसे  सताना जाना  मिलकर आपसे।।

©Chanchal Hriday Pathak #titliyan #जाना_मिलकर_आपसे
ज़िंदगी कितनी हसीं है जाना मिलकर आपसे।
मैंने अपने आप को पहचाना मिलकर आपसे।।

बंध  गए  हम  प्रेम  बंधन  में सनम यूं आपके,
पर बखूबी से निभाना जाना मिलकर आपसे।।

अब  तलक  हम  तो  जुबानी बोलते कहते रहे,
आंखों से बातें बताना जाना मिलकर आपसे।।

हम  तो  आवारा  भटकते  ही  रहे  इस  धूप में,
हर दिलों में घर बनाना जाना मिलकर आपसे।।

जिसको भी मिलते उसे मदहोश करते आप तो,
इस क़दर जादू चलाना जाना मिलकर आपसे।।

"हृदय" को  पागल  बनाते  लेते जब आगोश में,
इश्क़  में  ऐसे  सताना जाना  मिलकर आपसे।।

©Chanchal Hriday Pathak #titliyan #जाना_मिलकर_आपसे