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अध्यात्म रामायण के तत्वावधान में हिंदी काव्य रचना

अध्यात्म रामायण के तत्वावधान में हिंदी काव्य रचना #८

 आत्मरूप अन्तःकरण में स्थित, विश्व परिचालित करते।
मूढ़ मायातीत जीव,परमात्मा में अज्ञान आरोपित करते।
स्त्री-पुत्रादि में आसक्त, अनेक कर्मो के चक्र में पड़कर, अनिभिज्ञ रहते राम से मानव ,जो स्वं ही उद्वेलित करते।
।। संतोष शर्मा।।
तिथि-१९/०२/२०२३

©santosh sharma #Ram hindi kavya
अध्यात्म रामायण के तत्वावधान में हिंदी काव्य रचना #८

 आत्मरूप अन्तःकरण में स्थित, विश्व परिचालित करते।
मूढ़ मायातीत जीव,परमात्मा में अज्ञान आरोपित करते।
स्त्री-पुत्रादि में आसक्त, अनेक कर्मो के चक्र में पड़कर, अनिभिज्ञ रहते राम से मानव ,जो स्वं ही उद्वेलित करते।
।। संतोष शर्मा।।
तिथि-१९/०२/२०२३

©santosh sharma #Ram hindi kavya