तू मेरा चाँद हैं भले ही तू ढ़लती साँझ में आए, या फिर महकती भोर में | ........................ तू आए अगर साँझ में तो मेरे जीवन का दीप हैं, जो आए भोर में तो सूर्य हैं | ................................. तू माने न माने तेरा-मेरा हैं कुछ नाता जो हमें बाँधे हैं मजबूत ड़ोर से | ................................. गीता शर्मा. प्रणय #सूर्य#साँझ #peace