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आँसुओं की लकीरें गालों पर छोड़ गई। हमको खुद से क्यो

आँसुओं की लकीरें गालों पर छोड़ गई।
हमको खुद से क्यों ज़ुदा किया।
अभी तो बाकि था तुमसे लड़ना-झगड़ना।
अभी तो बाकि था तुमसे रूठना-मनाना।
भूली नहीं हूँ अभी तक तुम्हारी मीठी सी हँसी।
थोड़ी सी प्रशंसा पर छलकती चेहरे की खुशी।
भूली नहीं बेफिक्री तेरी बेवाक  हाजिरजवाबी।
भरी थी चंचलता तुझमें पर नाम की अचला थी।
छोटी-छोटी आँखों में भाता था तुझको काजल।
बने बाल बिगाड़े कोई तो हो जाती थी तू पागल।
दोस्त, नाते-रिस्तेदार सबकी तू चहेती थी।
सब लोगों के लिए तू खुशियों की पेटी थी।
सूरत से भोली-भाली तू दिल से दया की मूरत।
हम से ज्यादा ऊपरवाले को थी तुम्हारी जरूरत।
आँखों में हमेशा रहेगी तुम्हारी यादों की नमी। 
हमारे जीवन में हमेशा रहेगी तुम्हारी कमी।

©alka mishra तुम चले गए पर
#SheLeft 
#nojotowritingprompt
आँसुओं की लकीरें गालों पर छोड़ गई।
हमको खुद से क्यों ज़ुदा किया।
अभी तो बाकि था तुमसे लड़ना-झगड़ना।
अभी तो बाकि था तुमसे रूठना-मनाना।
भूली नहीं हूँ अभी तक तुम्हारी मीठी सी हँसी।
थोड़ी सी प्रशंसा पर छलकती चेहरे की खुशी।
भूली नहीं बेफिक्री तेरी बेवाक  हाजिरजवाबी।
भरी थी चंचलता तुझमें पर नाम की अचला थी।
छोटी-छोटी आँखों में भाता था तुझको काजल।
बने बाल बिगाड़े कोई तो हो जाती थी तू पागल।
दोस्त, नाते-रिस्तेदार सबकी तू चहेती थी।
सब लोगों के लिए तू खुशियों की पेटी थी।
सूरत से भोली-भाली तू दिल से दया की मूरत।
हम से ज्यादा ऊपरवाले को थी तुम्हारी जरूरत।
आँखों में हमेशा रहेगी तुम्हारी यादों की नमी। 
हमारे जीवन में हमेशा रहेगी तुम्हारी कमी।

©alka mishra तुम चले गए पर
#SheLeft 
#nojotowritingprompt
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