वो देखते नही,मग़र! दिल मे उतर जाते है । ख्वाबों के समंदर में ,आकर! ना जाने कितने गोते लगाते है । मग़र ये पल दो पल का इश्क़, होता है!ज़ीशान । वो उजाले की तरह आते है ,और! अंधेरे में फ़ना हो जाते है । #z ईशान जब्बार #पल दो पल का आकर्षण