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दिल के अरमान और तुम, गुत्थी अजीब, इसे सुलझना नही

दिल के अरमान और तुम, 
गुत्थी अजीब, इसे सुलझना नही है।
एक ख्वाब बचपन से ही जहन में घर करता रहा था
और अब तुम भी उतरने लगे हो इस दिल में
जिंदगी को आसान बनाना है, इनमें उलझना नही है
वैसे तो आग लगाते है हर कोई दूसरे की खुशियों में
अगर उनकी खुशियां ना हो इनमें शामिल
मैंने खुद ही कोशिश की , और चिंगारियों से नाता जोड़ा
तो खुशियां बोल उठी- "वो गैर होते है जो नजर लगाते है।
तुम मेरे अपने हो, हमे अपनो से सुलगना नही है" ख्वाब और तुम

#संतोष_भट्ट_सोनू 
#santosh_bhatt_sonu 
#mayank

Pic credit- मयंक (भांजा)
दिल के अरमान और तुम, 
गुत्थी अजीब, इसे सुलझना नही है।
एक ख्वाब बचपन से ही जहन में घर करता रहा था
और अब तुम भी उतरने लगे हो इस दिल में
जिंदगी को आसान बनाना है, इनमें उलझना नही है
वैसे तो आग लगाते है हर कोई दूसरे की खुशियों में
अगर उनकी खुशियां ना हो इनमें शामिल
मैंने खुद ही कोशिश की , और चिंगारियों से नाता जोड़ा
तो खुशियां बोल उठी- "वो गैर होते है जो नजर लगाते है।
तुम मेरे अपने हो, हमे अपनो से सुलगना नही है" ख्वाब और तुम

#संतोष_भट्ट_सोनू 
#santosh_bhatt_sonu 
#mayank

Pic credit- मयंक (भांजा)