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अंजनी मां की आंख के तारे,शरण त





















अंजनी मां की आंख के तारे,शरण तुम्हारे आए हैं।
चरणों में हम आप के स्वामी,अपना शीश नवाते हैं।अंजनी..।
सीता राम बसें जिसके दिल,वो राम दुलारे आप हैं।
आप हैं मंगल मूरत स्वामी,संकट मोचन आप हैं।
दीन दयाल हे अंजनी नंदन,आप ही एक सहारे हैं। अंजनी ..।
अजर अमर का वर पाया, मां सीता का आशीष मिला।
अष्ट सिद्धि नौ निधि के दाता, है ऐसा वरदान मिला।
मां सीता के आप दुलारे,पवन देव के प्यारे हैं। अंजनी ..।
हे भक्तों की सुनने वाले,परम कृपालु आप हैं।
कृपा सदा सब पे होती है,,ऐसे दयानिधि आप हैं।
थोड़ी जगह चरणों में दीजे, हम भी आस लगाए हैं।
अंजनी मां की आंख के तारे, शरण तुम्हारे आए हैं।

©नागेंद्र किशोर सिंह
  # अंजनी मां की आंख की तारे...।

# अंजनी मां की आंख की तारे...। #कविता

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