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मेरे जीवन की अनमोल धरोहर है प्रेम तुम्हारा चाहें

मेरे जीवन की अनमोल धरोहर है प्रेम तुम्हारा 

चाहें जितना दूर कर लेना मुझे खुद से, फिर भी दिल में रहेगा सिर्फ नाम तुम्हारा 

कभी कम, कभी ज्यादा बूंद के जैसा मुझ पर बरसता रहा प्रेम तुम्हारा 

पता नहीं बूंद-बूंद कब सागर बन गई,इससे बाहर निकलने को मिलता ही नही अब किनारा

©श्वेता शर्मा
  #Barsaat