बुझ गया हूँ तो क्या कभी फिर से जलूंगा! मैं तो दीपक हूं जलकर भी रोशनी करूँगा!! मुझे मालूम है तुझे मिल गई हैं सारी खुशियां! तलाश करने पर भी तुझे अब मैं न मिलूंगा!! बेख़बर न मिलूंगा