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ज़हन में मेरे तुम्हारा ठिकाना रहेगा, ताउम्र तेरी य

ज़हन में मेरे तुम्हारा ठिकाना रहेगा,
ताउम्र तेरी यादों का आना-जाना रहेगा!

तुम नहीं आओगे लौटकर कभी पास मेरे,
मकसद मेरा फिर भी ताउम्र तुम्हें चाहना रहेगा!

©" शमी सतीश " (Satish Girotiya)
  #मक़सद