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न जाने कितने जरिये थे पर मुझ तक आना ही नही था उसे

न जाने कितने जरिये थे 
पर मुझ तक आना ही नही था उसे

न जाने कितना चाहा मैने
 उस चाहत का एहसास ही नही था उसे

मैं नींद में भी उसका नाम लेती हुँ
मेरा नाम कभी याद ही नहीं था उसे 


मेरे जख़्म कब भरेगें पता नहीं
मेरे दूर जाने का दर्द ही नहीं था उसे

©Lee Kalpana Kp Yadav
  #धोखा #फरेब #बेवफ़ाई