मत मिलाकर ख्वाब में , हो रूबरु फिर बात कर इश्क कर ले चल अभी, यु वक्त तू ना बरबाद कर.. दो घडी का ऐ फलसफा, क्या पता कैसे हालात हो ? ना बात हो ना मुलाकात हो, हो जाये तू दफन मेरी राख हो.. जलते दिपक बुझ गये, आखो की बरसात से दर्द की ये सिसकीया, हमसे कैसे बर्दाश हो... मंजिल का क्या वो मिल गयी, तेरे इश्क से वो भी खिल गयी । © vbgpoemsworld #vbgpoemsworld #nojoto #rubaroo