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पुराने दिनों में घर में भी अजीब रिश्ता था दरवाजे आ

पुराने दिनों में घर में भी अजीब रिश्ता था
दरवाजे आपस में गले लगते थे
अब तो दरबाजा भी अकेला हो गया है
.......।......
"पुराने दरवाजे  टकराते थे 
फिर भी बंद हो जाते थे
 खुलते साथ-साथ थे दरवाजे
 बंद भी साथ-साथ होते थे दरवाजे 
अगर एक दरवाजा खुल जाता था 
तो एक तो बंद रहता था 
जब से अकेला हुआ है दरवाजा 
खुला तो खुला रह गया दरवाजा 
बंद हुआ तो बंद रह गया दरवाजा"

©कवि- जीतू जान #MomentOfTime aAnshu writer Avnish Verma
पुराने दिनों में घर में भी अजीब रिश्ता था
दरवाजे आपस में गले लगते थे
अब तो दरबाजा भी अकेला हो गया है
.......।......
"पुराने दरवाजे  टकराते थे 
फिर भी बंद हो जाते थे
 खुलते साथ-साथ थे दरवाजे
 बंद भी साथ-साथ होते थे दरवाजे 
अगर एक दरवाजा खुल जाता था 
तो एक तो बंद रहता था 
जब से अकेला हुआ है दरवाजा 
खुला तो खुला रह गया दरवाजा 
बंद हुआ तो बंद रह गया दरवाजा"

©कवि- जीतू जान #MomentOfTime aAnshu writer Avnish Verma