हर पल हर लम्हा याद करना तुझे, ये मेरी आदत सी हो गई। अब धड़कनें भी पुकारती हर पहर तुझे, ये मेरी आँखें तेरी दीद की तलबगार हो गई। जब मैं लिखता हूँ किसी काग़ज़ पर तेरे नाम के हुरुफ़, ये मेरी क़लम ख़ुद-बख़ुद तेरे सुख़न लिख जाती है। अब सिर्फ़ क़रार तेरे इश्क़ में मुझे, ये मेरे अल्फाज़ सिर्फ़ करें तारीफें तेरी। मैं हैरान हूँ यूँ अपने अरमानों से मिलकर, ये मुझसे कहे सिर्फ़ ख़्वाहिश है उससे मिलने की। मेरा घड़ी - दो घड़ी का प्यार नहीं तुझसे, ये दिल को मेरे उम्र भर तेरे संग रहने की आरज़ू है। है कर सकता सिर्फ़ वह शक्स इलाज़ मेरा, यहाँ मुझे सभी ने ला-इलाज़ बताया इस इश्क़ को। #zindagi #irfanblackheart #yaadein #mahabbat #aamkhein