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अपनी आँखों से कुछ कह कर चले गए चोट दिल पर लगी तो

अपनी आँखों से  कुछ कह कर चले गए
चोट  दिल पर लगी तो सह कर चले गए

बारिसों की मौसम  थी बरसात बहुत हुई
यादों की बारिस में यादे बह कर चले गए

चले थे  साथ मेरा  साथ  निभाने के लिए
थोड़ी देर में ही  साथ निभा  कर चले गए

यूँ तो  कई बार  मुलाक़ातें  हुई उनसे मेरी
हर  मुलाक़ात  को वो भुला कर चले गए

हवाओं  की  गुस्ताख़ीयाँ  देखो  तो  जरा
चिंगारी को कैसे शोला बना कर चले गए

©prakash Jha अपनी आँखों से  कुछ कह कर चले गए
चोट  दिल पर लगी तो सह कर चले गए

बारिसों की मौसम  थी बरसात बहुत हुई
यादों की बारिस में यादे बह कर चले गए

चले थे  साथ मेरा  साथ  निभाने के लिए
थोड़ी देर में ही  साथ निभा  कर चले गए
अपनी आँखों से  कुछ कह कर चले गए
चोट  दिल पर लगी तो सह कर चले गए

बारिसों की मौसम  थी बरसात बहुत हुई
यादों की बारिस में यादे बह कर चले गए

चले थे  साथ मेरा  साथ  निभाने के लिए
थोड़ी देर में ही  साथ निभा  कर चले गए

यूँ तो  कई बार  मुलाक़ातें  हुई उनसे मेरी
हर  मुलाक़ात  को वो भुला कर चले गए

हवाओं  की  गुस्ताख़ीयाँ  देखो  तो  जरा
चिंगारी को कैसे शोला बना कर चले गए

©prakash Jha अपनी आँखों से  कुछ कह कर चले गए
चोट  दिल पर लगी तो सह कर चले गए

बारिसों की मौसम  थी बरसात बहुत हुई
यादों की बारिस में यादे बह कर चले गए

चले थे  साथ मेरा  साथ  निभाने के लिए
थोड़ी देर में ही  साथ निभा  कर चले गए
prakashjha2842

prakash Jha

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अपनी आँखों से कुछ कह कर चले गए चोट दिल पर लगी तो सह कर चले गए बारिसों की मौसम थी बरसात बहुत हुई यादों की बारिस में यादे बह कर चले गए चले थे साथ मेरा साथ निभाने के लिए थोड़ी देर में ही साथ निभा कर चले गए #Shayari #blackandwhite #prakashjha #prakashjha_shayri #prakashjha_shyari #prakash_jha