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Afrin Jahan
मयखानों में बहुत सारे राज़दार आते है अपने राज़ के साथ.. पर अफसोस सुने वाले सारे होश खोकर बैठते है साथ.... मैख़ाने से तो निकला था होश-ओ-हवास में.. तेरी गली आते ही मैं घर का रास्ता भूल गया.! Prakash jha #prakashjha #prakashjha_shayri #prakash_jha #yqbaba #yqdidi #shayari #YourQuoteAndMine Collaborating with Prakash Jha
Afrin Jahan
दिलों का दर्द वक्त के साथ बढ़ता ही जाएगा, अगर ना किया इसका कोई बेहतर इंतजाम तो, मुझे वह एक दिन ज़रूर बेमौत मार जाएगा, दिलों में दर्द है उसी के नाम का... बारिस को पता मिली है मेरे कच्चे मकान का.! Prakash jha #prakashjha #prakash_jha #prakashjha_shayri #prakashjha_gazal #yqbaba #yqdidi #shayari #YourQuoteAndMine Collaborating with Prakash Jha
साहस
खली हुई जिंदगी में कितना बेगार जर। इश्क सच्चा ना हुआ,तो उजागर सहर।। बची हुई ज़िंदगी को यूं न तू बर्बाद कर, मेरा छोड़ तू आपने आप को आबाद कर.! Prakash jha #prakashjha #prakashjha_shayri #prakash_jha #YourQuoteAndMine Collaborating with Prakash Jha
साहस
ये जो मेरे हथेलियों में इश्क के खून का इल्जाम लगा है। ये आदमी के नहीं किसी रूह के छीटें बदन पर दिखे है।। ये दंरीदगी किस रात की है ये हवसिपन किस बात की है मेरे हाथों में जो लहू लगे है ये लहू किसी इंसानी जात की है। आज सारा जहाँ हुआ शर्मिंदा है किसी के हाथों से लहू-लुहान हुआ परिंदा है ये कैसी दुनिया में हम जिये जा रहे है
prakash Jha
आरज़ू है कि उनसे मिलूँ, पर वो ना मिले तो मैं क्या करूँ जिसे समझा मैं अपना नसीब वही दे दग़ा तो मैं क्या करूँ एक रात की थी जुस्तजू, वो मिले मुझसे ऐसे हुबहू मुझे क़फ़स में बिठा कर के वो चले गए तो मैं क्या करूँ मशहूर वो तो बहुत हुए, मूझे छोड़ कर जब वो गए जो ज़ख्म मैंने सी लिया वही दरक जाए तो मैं क्या करूँ पैबस्त इतनी सी उनसे है मेरी, की उनसे कुछ न कह सकूँ वही वस्ल है वही हिज़्र है वही अज़ाब है तो मैं क्या करूँ वो अज़ीज़ मिरे इतने हुए की, वो हमसे ज़रा दूर-दूर ही रहें जो बना था हमसफ़र मिरा वही भूल जाए तो मैं क्या करूँ इज़्तिराब इतनी बढ़ गई, कि मैं न जी सकूँ न मैं मर सकूँ मिरी अज़ीब सी है ये दास्तां कोई ना सुने तो मैं क्या करूँ ©prakash Jha आरज़ू है कि उनसे मिलूँ, पर वो ना मिले तो मैं क्या करूँ जिसे समझा मैं अपना नसीब वही दे दग़ा तो मैं क्या करूँ एक रात की थी जुस्तजू, वो मिले मुझसे ऐसे हुबहू मुझे क़फ़स में बिठा कर के वो चले गए तो मैं क्या करूँ मशहूर वो तो बहुत हुए, मूझे छोड़ कर जब वो गए जो ज़ख्म मैंने सी लिया वही दरक जाए तो मैं क्या करूँ
prakash Jha
दर्द मिले या फिर ग़म, हम सह लेंगे ये तन्हाई का आलम, हम सह लेंगे दूर तुम मुझ से खुश हो! अच्छा है ये दूरी तो मरते दम, हम सह लेंगे लौट रहे हो गुलिस्ताँ से आ जाओ लौटने बाले तेरे सितम, हम सह लेंगे वादा कर के भूलने बाले भूल गए हैं भूलने बाले तेरी कसम, हम सह लेंगे मेरी कश्ती कब डूबी ये मालूम नहीं मेरे दिल पर छाई मातम,हम सह लेंगे बारी-बारी सबने ज़ख्म कुरेदे हैं मेरे मेरे ज़ख्म लगते हैं कम, हम सह लेंगे ©prakash Jha दर्द मिले या फिर ग़म, हम सह लेंगे ये तन्हाई का आलम, हम सह लेंगे दूर तुम मुझ से खुश हो! अच्छा है ये दूरी तो मरते दम, हम सह लेंगे लौट रहे हो गुलिस्ताँ से आ जाओ लौटने बाले तेरे सितम, हम सह लेंगे
prakash Jha
मेरा दिल तो पागल दीवाना है मेरे घर के सामने ही मैख़ाना हैं उनसे मिल कर उन्हें दिखाना है बात दिल की आँखों से समझना है मैं तो सुनता हूँ आवाज उनकी ये ग़ज़ल तो सिर्फ इक बहाना है रात चाँद सी सूरत दिखी मुझको मुझे तो आज ही ईद मनाना है मुहब्बत करने का अंजाम क्या है मुहब्बत क्या है उनको बताना है तन्हा कटती नहीं अब ये राते बस अब तो उन्हें अपना बनाना है ये मोहब्बत की इम्तिहान ही सही मुझे हर इम्तिहान से गुज़र जाना है ©prakash Jha मेरा दिल तो पागल दीवाना है मेरे घर के सामने ही मैख़ाना हैं उनसे मिल कर उन्हें दिखाना है बात दिल की आँखों से समझना है मैं तो सुनता हूँ आवाज उनकी ये ग़ज़ल तो सिर्फ इक बहाना है
prakash Jha
ज़िन्दगी को हम जफ़ा कहते हैं मौत को हम वफ़ा कहते हैं गुमान हो जिसे सूरत पर अपनी ऐसी सूरत को हम दग़ा कहते हैं ज़ुल्म सह कर भी जो उफ़ ना करे ऐसे लोगों को हम ख़ुदा कहते हैं इश्क़ क्या है कौन समझाए हमें इश्क़ को भी हम नशा कहते हैं वो हर बार हमें खुद से दूर करते हैं उसकी याद को हम मजा कहते हैं झुक कर मिले तो हम गले लगते हैं ऊंची आवाज को हम हवा कहते हैं ©prakash Jha ज़िन्दगी को हम जफ़ा कहते हैं मौत को हम वफ़ा कहते हैं गुमान हो जिसे सूरत पर अपनी ऐसी सूरत को हम दग़ा कहते हैं ज़ुल्म सह कर भी जो उफ़ ना करे ऐसे लोगों को हम ख़ुदा कहते हैं
prakash Jha
Dil sms status in hindi "आईने की ओर देख कर मुस्कुराते हैं वो पता नहीं किस बात पर इतना इतराते हैं वो उनके रुख़सार पर जो काले तिल का पहरा है शायद उसे ही देख कर इतना शरमाते हैं वो..." ©prakash Jha "आईने की ओर देख कर मुस्कुराते हैं वो पता नहीं किस बात पर इतना इतराते हैं वो उनके रुख़सार पर जो काले तिल का पहरा है शायद उसे ही देख कर इतना शरमाते हैं वो..." prakash jha #prakashjha #prakashjha_shayri #prakashjha_shyari #prakash_jha
prakash Jha
बहुत ही मुश्किलों के दौर से गुज़रा हूँ. हाँ मैं हौसला बुलंद कर के निकला हूँ! ©prakash Jha बहुत ही मुश्किलों के दौर से गुज़रा हूँ. हाँ मैं हौसला बुलंद कर के निकला हूँ! prakash jha #prakashjha #prakashjha_shyari #prakashjha_shayri #prakash_jha #pen