सीधे से एक साँचे को खंजर बना दिया। दुनिया ने बेरुखी का कैसा मंजर बना दिया। काँटों की चुभन लेकर बस जिये जा रहा हूँ। गुलशन को फ़खत फूलों से बंजर बना दिया। ©ऋतुराज पपनै "क्षितिज" #selfhate #खंजर_बंजर_मंजर #ऋतुराज_पपनै