फूल है दूर से निहार लूं पास जाकर देख लूं, ये भी एक खालिस रंगे-मौहब्बत है क्या पता है तुम्हे। ये जो लोग छुइ-मुइ को छू कर उसका शर्माना देखते हैं, दरअसल वो मुरझाकर कहां-२ से टूटती है क्या पता है तुम्हे।