अपने मन की बेचैन अमीरी को पंख लगाए हैं मेरे पापा ने पैसों की तंगी में पुराने पेड़ कटवाए है इस पेड़ पर मेरा हैलिकॉप्टर बना कर समझाया है एक दिन मुझे हैलिकॉप्टर को चलाकर घर ले आना है मेरी क्षमताओं अपनी परिकल्पनाओं को ववो दिखा चुके हैं पैसे बगैर भी खिलौने मेरे अनमोल बना चुके हैं बबली भाटी बैसला ©Babli BhatiBaisla क्षमता