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इबादत कर रहा था मैं तो ख़ुदा पूछ बैठा उनका हाल कै

इबादत कर रहा था मैं तो 
ख़ुदा पूछ बैठा 
उनका हाल कैसा है 
मैंने कहा ख़ुदा से
ये आज सवाल कैसा है 
उनका भी हाल मेरे जैसा है
ना जीते है ना मरते है
ना जुदा होते है ना मिलते है 
इश्क़ के बीमार जैसा है 
ना दवा लगती है ना दुआ लगती है
किसी बेहाल जैसा है   
ख़ुदा बोला फिर, उनका ख्याल कैसा है
मैंने कहा , जो वो दिख जाये तो चांद जैसा है
वरना कागज पे लिखी गज़ल जैसा है 
ख़ुदा बोला फिर,उनका अन्दाज़ कैसा है
मैंने कहा ,चमक जाये तो सूरज जैसा है
बरस जाये तो बादल जैसा है 
इसलिए सुनो ख़ुदा तुम 
मेरा हाल ज़मीन जैसा है #जमीन जैसा है
इबादत कर रहा था मैं तो 
ख़ुदा पूछ बैठा 
उनका हाल कैसा है 
मैंने कहा ख़ुदा से
ये आज सवाल कैसा है 
उनका भी हाल मेरे जैसा है
ना जीते है ना मरते है
ना जुदा होते है ना मिलते है 
इश्क़ के बीमार जैसा है 
ना दवा लगती है ना दुआ लगती है
किसी बेहाल जैसा है   
ख़ुदा बोला फिर, उनका ख्याल कैसा है
मैंने कहा , जो वो दिख जाये तो चांद जैसा है
वरना कागज पे लिखी गज़ल जैसा है 
ख़ुदा बोला फिर,उनका अन्दाज़ कैसा है
मैंने कहा ,चमक जाये तो सूरज जैसा है
बरस जाये तो बादल जैसा है 
इसलिए सुनो ख़ुदा तुम 
मेरा हाल ज़मीन जैसा है #जमीन जैसा है