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हो सकता है अब उतम नहीं है यह शब्द मेरे। जब दिल से

हो सकता है अब उतम नहीं है यह शब्द मेरे। 
जब दिल से उलझन कर बैठे है यह नक्षत्र तेरे।

©kanta kumawat
  हो सकता है अब उतम नहीं है यह शब्द मेरे 
जब सें उलझन कर बैठे है यह नक्षत्र तेरे

हो सकता है अब उतम नहीं है यह शब्द मेरे जब सें उलझन कर बैठे है यह नक्षत्र तेरे #शायरी

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